मक्खियां और मच्छर अगर आप भी दिन में मक्खी और रात में मच्छरों से परेशान हैं तो अपने घर में रखें ऐसे पौधे, जो इनसे राहत दिला सकते हैं। आइए जानें ऐसे बेहतरीन प्लांट्स के ब…NEXT
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गर्मियों का आना मतलब की तेज धूप, आसपास ज्यादा गंदगी, दिन में मक्खी और रात में मच्छरों के हमले से हैं। यह मौसम ऐसा होता है कि मक्खी और मच्छरों से सभी परेशान रहते हैं। आप कमरे से बाहर भी नहीं बैठ सकते, क्योंकि बाहर मच्छरों का हमला कमरे से दोगुना हो जाता है मक्खियां और मच्छर।
मक्खियां हमें इरिटेट करती हैं, लेकिन मच्छरों के काटने से तो त्वचा में रेडनेस, रैशेज होने लगते हैं और इनके कारण बीमारियों के फैलने का डर भी लगा रहता है। आप उन्हें भगाने के लिए कई सारे केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स इस्तेमाल तो कर सकते हैं, लेकिन वो भी आपकी हेल्थ के लिए हानिकारक हो सकते हैं मक्खियां और मच्छर।
ऐसे में आप अपने घरों में ऐसे कुछ फूल पौधे ला सकते हैं, जो आपकी इस समस्या को कम कर सके। लेकिन सवाल है कि फूल-पौधों से ऐसा संभव है? हां, आप निश्चित रूप से अपने आसपास ऐसे पौधे रखकर इन बग्स को दूर रख सकते हैं!
कुछ विशेष पौधों से निकलने वाली खुशबू और तेल मच्छर और मक्खियों को पसंद नहीं होते हैं। ऐसे पौधे मच्छरों या उनके लार्वा के लिए भी जहरीले होते हैं मक्खियां और मच्छर।
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सिट्रोनेला

क्या आपको पता है कि सिट्रोनेला मच्छर भगाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला एक प्राकृतिक रेपेलेंट आइडिया है। पैटियो कैंडल्स में भी इसके ऑयल का इस्तेमाल होता है, ताकि बाहर डिनर करते वक्त इन्हें जलाएं तो मच्छर आपके आसपास न भटकें। आपको इसके बारे में एक और रोचक बात बता दें कि इस पौधे का दूसरा नाम ही ‘ओडोमास’ है, अब सोचिए फिर यह कैसे मच्छर नहीं भगाएगा? लेकिन आप शायद यह नहीं जानते होंगे कि सिट्रोनेला वास्तव में एक घास है जिसे आप अपने यार्ड में लगा सकते हैं। अधिकांश सिट्रोनेला उत्पाद उस सुगंधित तेल से बनाए जाते हैं जिसे पौधे से निकलता है। कुछ रिसर्च से भी पता चला है कि इनका ऑयल दो घंटों के अंदर वाष्पित हो जाता है, इसलिए इन्हें प्लांट की तरह लगाना ज्यादा अच्छा विकल्प है मक्खियां और मच्छर।
यूकेलिप्टस प्लांट

अपने पत्ते और अपनी स्ट्रॉन्ग सेंट के लिए प्रसिद्ध, यूकेलिप्टस की पत्तियों और तेल से कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। क्या आपको पता है कि आप इससे मक्खियों और मच्छरों को कितनी आसानी से बाय बाय बोल सकते हैं। इसकी स्ट्रॉन्ग स्मेल मक्खियों और अन्य कीटों को रोकती है। हालांकि, इसकी पत्तियों से प्राप्त तेल और भी अधिक शक्तिशाली होता है और पत्तियों को केवल अपने हाथों में कुचलकर इसे निकाला जा सकता है। यूकेलिप्टस (साफ़-सफ़ाई के काम आ सकता है नीलगिरी तेल) की अलग-अलग किस्म हैं, जिन्हें आप अपने यार्ड में लगा सकते हैं। नहीं तो इसके पत्तों को इकट्ठा करके मच्छर और मक्खी भगाने के लिए रखें मक्खियां और मच्छर।
लेमन ग्रास
चाय में लेमन ग्रास डालकर पीने के हेल्थ बेनेफिट्स तो आप जानती होंगी! लेकिन क्या आपको यह पता है कि इससे आप मच्छरों को भी दूर भगा सकते हैं। लेमन ग्रास एक अन्य अद्भुत मस्किटो रेपेलेंट है है, जिसे सिंबोपोगोन साइट्रेटस के नाम से भी जाना जाता है। फूल में सिट्रोनेला नामक इंग्रीडिएंट होता है जो ऐसा प्राकृतिक तेल है जिससे मक्खी मच्छर जैसे अन्य कीड़े दूर भागते हैं। लेमन ग्रास का उपयोग मेडिसिनल यूज में भी किया जाता है। लेमनग्रास की फ्लॉलेस सुगंध होती है और यही कारण है कि इसका उपयोग टॉयलेट्रीज और विभिन्न सेंट्स में भी किया जाता हैमक्खियां और मच्छर।
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बे (Bay) ट्री

बे लीफ एक धीमी गति से बढ़ने वाला श्रब है, जिसे ट्रिम न किया जाए तो यह मध्यम आकार के पेड़ में विकसित हो सकती है। आप अपने किचन में खाना बनाने के लिए इसका उपयोग तो करते ही हैं। क्या आपको पता है कि इससे मक्खी और मच्छर भगाना भी कितना आसान है? इनमें एक तीखी खुशबू वाला तेल होता है जो उसके आसपास के किसी भी कीड़े भगाने में बड़ा काम आ सकता है। आप इसे अपने घर के आसपास, गार्डन, यार्ड या बाहर लगा सकते हैं। इतना ही नहीं, इसे आप आसानी से गमलों में भी उगा सकते हैं। अगर आसपास प्लांट न लगा सकें तो आप बे लीफ (गमले में ऐसे उगाएं तेजपत्ता) को लेकर जला लें और फिर उसका धुआं कमरे में फैलाएं। इससे मच्छर भी भागेंगे और आपका मूड भी रिफ्रेश रहेगा मक्खियां और मच्छर।
अब आप भी इन फूल-पौधों को अपने आसपास लगाएं। अगर आसपास नहीं लगा सकते हैं तो फिर इनके पत्ते या तेल आदि का उपयोग कर सकते हैं मक्खियां और मच्छर।
कुछ पौधों के साथ ध्यान रखें कि उन्हें अपने पेट्स और बच्चों की पहुंच से दूर रखें या ऐसे प्लांट्स को लगाने से बचें और उनकी जगह दूसरे विकल्प को चुना जा सकता है। हमें उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इसे लाइक और शेयर जरूर करें। ऐसे अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ मक्खियां और मच्छर।