Surajmukhi Ki Kheti: सूरजमुखी एक तिलहनी फसल है। बाजार में सूरजमुखी के तेल की बहुत डिमांड होती है। यह एक नकदी फसल है। बाजार में इसके भाव भी काफी अच्छे मिलते हैं। सूरज की खेती से किसानों को इसके फूल, बीज और तेल से आमदनी होती है। किसान भाई तीनों मौसम यानी खरीफ, रबी और जायद में सूरजमुखी की खेती (Surajmukhi Ki Kheti) करके अच्छा लाभ कमा सकते हैं।
तो आइए, ताजा खबर online के इस ब्लॉग में जानें- सूरजमुखी की खेती कैसे करें?
सूरजमुखी की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी
सूरजमुखी की खेती (surajmukhi ki kheti) के लिए समशीतोष्ण जलवायु अच्छी होती है। सूरजमुखी की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जाती है, लेकिन अच्छी पैदावार के लिए उचित जल निकास वाली बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है। मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के मध्य होना चाहिए।
सूरजमुखी की खेती (surajmukhi ki kheti) मुख्य रूप से बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा में की जाती है।
सूरजमुखी की खेती की कुछ खास टिप्स
- बुवाई करने से पहले बीजों को बाविस्टिन या थीरम उपचारित करना चाहिए।
- सूरजमुखी के बीजों की बुवाई मेड़ों पर की जाती है, इसलिए रोपाई करने से पहले खेत में मेड़ तैयार करना चाहिए।
- मेड़ से मेड़ के बीच की दूरी 25 से 30 सेंटीमीटर रखनी चाहिए।
- मेड़ों पर बीजों को 15 सेंटीमीटर की दूरी पर और 4 सेंटीमीटर की गहराई में बोना चाहिए।
सिंचाई प्रबंधन
- सूरजमुखी की फसल को अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है।
- इसकी पहली सिंचाई रोपाई के तुरंत बाद करनी चाहिए।
- उसके बाद आवश्यकता अनुसार सिंचाई करते रहना चाहिए।
सूरजमुखी की खेती से कमाई
आपको बता दें, सूरजमुखी की फसल 90 से 100 दिनों में तैयार हो जाती है। प्रति हेक्टेयर इसकी पैदावार 20 से 25 क्विंटल होती है। बाजार में सूरजमुखी के बीजों की कीमत 3500 से ₹4000 प्रति क्विंटल होती है। किसान भाई, सूरजमुखी की खेती (surajmukhi ki kheti) करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
RESOURCE : https://bit.ly/3FIM5sc