10 Best Cow Breed In India: हमारे देश में गाय पालन (gay palan) हजारों वर्षों से होता आ रहा है। भारत में गाय को माता की दर्जा प्राप्त है। अगर आकंड़ों की बात करें तो भारत में करीब 50 से अधिक गायों की प्रजातियां पाई जाती है।
यदि आप व्यवसायिक लाभ कमाने के लिए गाय पालना चाहते हैं तो अच्छी नस्लों का ही चुनाव करना बहुत जरूरी है। ज्यादा दूध देने वाली गाय (high milk cow) की नस्लों से ही आपको दूध मिलेगा। रोजगार की दृष्टि से देखा जाए, तो अच्छी नस्ल की गाय से दूध के अलावा गौमूत्र और गोबर भी किसानों को अच्छा मुनाफा होता है।
10 Best Cow Breed गाय पालन के व्यवसाय (cow farming business) में जहां एक तरफ गाय का गौमूत्र औषधीय और कीटनाशक के रूप में बेहतर काम करेगा। तो दूसरी तरफ गाय के गोबर से आपको प्राकृतिक खाद, मूर्तियां और कंडे बनाने में मदद मिलेगी। किसान भाई खेती में गौमूत्र और गोबर का इस्तेमाल करके जीरो बजट की खेती भी कर सकते हैं। इससे बचत तो होगी ही, साथ ही अतिरिक्त आय भी प्राप्त हो सकेगी।
तो आइए, ताजा खबर online के इस ब्लॉग में सबसे ज्यादा दूध देने वाली गाय की 10 देसी नस्लें (10 indigenous breeds of cow that gives maximum milk) के बारे में जानें।
10 Best Cow Breed भारत में गाय की देसी और दुधारु नस्लों की बात करें, तो लाल रंग की साहीवाल नस्ल का नाम सबसे ऊपर आता है। चौड़े सिर वाली साहीवाल गाय पशुपालकों की पहली पसंद है। भारत के उत्तर पश्चिमी क्षेत्रों- उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश में साहीवाल गाय काफी मशहूर है। साहीवाल गाय दिनभर में 10-20 लीटर और सालभर में 2000 से 3000 लीटर तक दूध देती है। साहीवाल गाय के दूध में फैट और दूसरे पोषक तत्व की मात्रा अधिक पाई जाती है। गाय की ये नस्ल भारत के साथ-साथ पाकिस्तान में भी बहुत मशहूर है।
गिर गाय 10 Best Cow Breed
10 Best Cow Breed गिर गाय की डिंमाड सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि इजराइल और ब्राजील जैसे देशों में भी है। गिर गाय का नाम गुजरात के गिर जंगल के नाम पर पड़ा है। गिर गाय को भारत की सबसे दुधारू गाय के नाम से भी जाना जाता है। गाय की ये नस्ल दिनभर में 50-80 लीटर और सालभर में 2400 से 2600 लीटर दूध का उत्पादन करती है। लाल रंग की बड़े थन वाली गिर गाय के कान लटकदार और लंबे होते हैं।
लाल सिंधी गाय
10 Best Cow Breed बेहतर दूध उत्पादन और रखरखाव के मामले में लाल सिंधी गाय का नाम भी शामिल है। एक साल में 1800-2200 लीटर दूध देने वाली इस गाय का रंग भी लाल होता है। लाल सिंधी गाय पहले सिर्फ सिंध प्रांत में पाई जाती थी, जो आज पाकिस्तान में है। लेकिन अब पंजाब, हरियाणा, राजस्थान से लेकर कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और ओडिशा में भी यह किसानों को मुनाफा कमाकर दे रही है। इस गाय में रोगों से लड़ने की अद्भुत क्षमता होती है।
हरियाणवी गाय
10 Best Cow Breed जैसी कि नाम से ही साफ है, हरियाणवी गाय का कद ऊंचा और गठीला होता है। हमेशा सिर उठाकर चलने वाली हरियाणवी गाय दिनभर में 8 से 12 लीटर तक दूध का उत्पादन करती है। सालभर में इससे लगभग 2200-2600 लीटर दूध प्राप्त होता है। यह गाय मुख्यरूप से हरिय़ाणा के रोहतक, हिसार, सिरसा, करनाल, गुडगाँव और जिंद में पाई जाती है। जहां हरियाणवी नस्ल की गायों को पालन बेहतर दूध उत्पादन होता है। तो खेती-किसानी में हरियाणवी नस्ल के बैल भी काफी मददगार होते हैं।
थारपारकर
10 Best Cow Breed गाय की थारपारकर नस्ल भी खूब दुधारू होती है। ये गाय मुख्य रूप से रेगिस्तानी इलाकों जैसे-कच्छ, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर और पाकिस्तान के सिंध में पाई जाती है। थारपारकर गाय की खुराक कम होने के बावजूद ये दिनभर में 10 से 16 लीटर दूध का उत्पाजन करती हैं। जाहिर है कि रेगिस्तान से ताल्लुक रखने वाली थारपारकर गाय में गर्मी सहन करने की अद्भुत क्षमता है। इस गाय से सालभर में 1800-2000 लीटर तक दूध मिल जाता है।
राठी गाय
राठी गाय मुख्यरूप से राजस्थान के बीकानेर और श्रीगंगानगर में पाई जाती है। राठी गाय दिनभर में 10-20 लीटर तक दूध का उत्पादन करती है। राठी गाय की खासियत हैं कि ये खाती कम है और हर जलवायु में आसानी से ढल जाती है। वैसे तो राठी गाय एक मिश्रित नस्ल है। राठी गाय सालभर में 1500-1800 लीटर दूध देती है और इस नस्ल के बैल भी खेतों में बेहतर काम करने के लिए मशहूर हैं।
कांकरेज गाय
कांकरेज नस्ल की गाय मुख्यरूप से गुजरात और राजस्थान के इलाकों में पाली जाती है। इस गाय से दिनभर में 5 से 10 लीटर और सालभर में 1800-2000 लीटर दूध मिल जाता है। हालांकि कांकरेज गाय की चाल थोड़ी अटपती होती है। लेकिन इसकी डिमांड विदेशों में भी काफी हद तक बढ़ गई है। कांकरेज नस्ल के बैलों को भी काफी मेहनती माना जाता है।
हल्लीकर गाय
10 Best Cow Breed हल्लीकर नस्ल की गाय महाराष्ट्र और कर्नाटक में काफी मशहूर है। इस नस्ल की गाय दूध भी अच्छी मात्रा में देती है। इसके दूध में 4.2 प्रतिशत तक बसा की मात्रा पाई जाती है। वहीं एक व्यांत के बाद इस गाय से 240-515 लीटर दूध मिल जाता है। इस प्रजाति के बैल भी काफी शक्तिशाली होते हैं।
दज्जल गाय
दज्जल नस्ल की गाय को भागनारी के नाम से भी जाना जाता है। य़ह मुख्यरूप से पंजाब के ‘दरोगाजी खाँ जिले में काफी बड़ी संख्या में पाली जाती हैं। भागनारी गाय में दूध उत्पादन की अद्भुद क्षमता होती है। इस गाय के रखरखाव में भी कुछ खास जद्दोजहद की आवश्यकता नहीं होती।
नागौरी गाय
नागौरी नस्ल की गाय का मूलस्थान राजस्थान के नागौर में है। अपनी भारवाहक क्षमता के कारण इस नस्ल के बैलों की भी काफी डिमांड होती है। नागौरी गाय एक ब्यांत में करीब 600-954 लीटर तक दूध का उत्पादन करती है। इतना ही नहीं, नागौरी गाय के दूध में वसा की 4.9 प्रतिशत मात्रा पाई जाती है।
यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगा हो, तो इसे अपने ग्रामवासियों तक जरूर पहुंचाए। इससे उन्हें भी अधिक दूध देने वाली गाय की 10 देसी नस्लों (10 indigenous breeds of cow that gives maximum milk) की पूरी जानकारी मिल सके।
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