अदरक की खेती (adrak ki kheti): अदरक यानी ginger स्वास्थ्यप्रद मसालों में से एक है। यह एक ऐसी मशाला है, जो भोजन के जायके को बढ़ाने के साथ-साथ स्वास्थ्यवर्धक भी है। अदरक का उपयोग मसाले, औषधियों और सौंदर्य सामग्री के रूप में किया जाता है। सर्दियों में खांसी, जुकाम आदि के लिए भी इसका प्रयोग आम है। यहां तक कि अदरक का सोंठ(dry ginger) के रूप में भी इस्तमाल किया जाता है। अदरक का तेल और चूर्ण भी औषधियों में उपयोग किया जाता है।
किसानों के लिए भी अदरक की खेती (adrak ki kheti) फायदे का सौदा है। इसकी खेती में अपार संभावनाएं हैं। यदि आप ज़्यादा मुनाफे की खेती करना चाहते हैं, तो अदरक की खेती (Ginger farming) आपके लिए बेहतर विकल्प है।
तो आइए, इस ब्लॉग में अदरक की खेती (adrak ki kheti in hindi) को करीब से समझें।
यहां आप जानेंगे-
भारत में अदरक के उत्पादन
अदरक के लिए ज़रूरी जलवायु
अदरक के लिए उपयोगी मिट्टी
खेती का सही समय
खेती की तैयारी कैसे करें?
अदरक की उन्नत किस्में
अदरक की खेती में लागत और कमाई
भारत में अदरक के उत्पादन की स्थिति (Status of production of ginger in India)
भारत अदरक (ginger) का प्रमुख उत्पादक है। भारत में प्रमुख अदरक उत्पादक राज्य कर्नाटक, उड़ीसा, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और गुजरात हैं। दुनिया भर में अदरक के निर्यात में भारत का 7वां स्थान है। दक्षिण-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्र भारत में अदरक के उत्पादन के लिए सबसे उपयुक्त हैं क्योंकि उनकी गर्म और आर्द्र जलवायु की स्थिति, औसत वर्षा और मिट्टी अदरक की खेती के लिए काफी है।
तो आइए अब जानते हैं अदरक की खेती (adrak ki kheti) के लिए उपयुक्त जलवायु क्या है?
अदरक की खेती के लिए जलवायु
अदरक गर्म और नम जलवायु का पौधा है। अदरक की खेती के लिए गर्म और आर्द्रता वाले स्थानों की आवश्यकता होती है। पौधे की बढ़वार के समय ज्यादा पानी तो कटाई(खुदाई) के समय सूखे मौसम की आवश्यकता होती है।
अदरक की अच्छी उपज के लिए 20 से 30 डिग्री तापमान उपयुक्त होता है। इससे ज्यादा तापमान होने पर फसल पर नुकसान पहुंचता है।
अदरक की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
अदरक की फसल (adrak ki phasal) के लिए बलुई, चिकनी, रेतीली, लाल या लेटेराइट मिट्टी सही होती है। अच्छे जल निकास वाली भूमि पर सबसे अच्छी अदरक की उपज होती है। इसके लिए मिट्टी का पीच मान 5.6 से 6.5 होना चाहिए।
अदरक की खेती का सही समय
Adrak Ki Kheti अदरक की खेती भारत में अलग-अलग मौसम में की जाती है। दक्षिण भारत में इसकी बुआई मार्च-अप्रैल में की जाती है। उत्तर भारत में अदरक की बुआई का सही समय 15 मई से 30 मई है। आपको बता दें, इसकी फसल परिपक्व होने में लगभग 8-9 महीने का समय लगता है।
खेत की तैयारी के लिए दो बार आड़ी-तिरछी जुताई करके पाटा चला कर खेत को समतल कर लेना चाहिए।
सिंचाई की सुविधा और बोने की विधि के अनुसार तैयार खेत को छोटी-छोटी क्यारियों में बांट लें।
उर्वरकों को अनुशंसित मात्रा का प्रयोग करें और कुछ उर्वरकों को खड़ी फसल में बढ़वार के समय दें।
अदरक के बीज को मिट्टी में लगभग 3 से 4 इंच गहरा लगाना चाहिए। अधिक ऊपर लगाने से अदरक ठीक नहीं होता है।
अदरक की उन्नत किस्में
Adrak Ki Kheti भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अदरक की कई उन्नत किस्में उगाई जाती है और उनका नाम उगाई जानी वाली क्षेत्र पर भी रखा गया है। अदरक की प्रमुख किस्मों में रियो डी जेनेरियो, चाइना, वायनाड लोकल, टफनगिया, टेली रोल के लिए-रयो डी जेनेरियो, मारण, वायनाड मैनन, थोड़े, वुल्लूनाटू, अरनाडू आदि है।
सिंचाई और उर्वरक प्रबंधन
Adrak Ki Kheti अदरक एक लंबी अवधि वाली फसल है अदरक की बुआई के समय 25-30 टन/हेक्टेयर की दर से गोबर खाद या कम्पोस्ट को बेडों के ऊपर बिखेर कर अथवा बुआई के समय खेत में छोटे गढ्डे करके उसमें डाल देना चाहिए। बुआई के समय 2 टन/ हेक्टेयर की दर से नीमकेक का उपयोग करने से प्रकांड गलन रोग तथा सूत्रकृमियों का प्रभाव कम होता है जिससे उपज बढ़ जाती है ।
अदरक की बुआई बरसात वाले महीने में होती है अतः बरसात में ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन अक्टूबर-नवंबर माह में वर्षा नहीं होती तो सिंचाई करना आवश्यक हो जाता है। आपको बता दें, अक्टूबर-नवंबर माह में अदरक का गांठ बनता है और उसका विकास होता है। इसलिए अक्टूबर-नवंबर माह में खेतों में अधिक नमी होनी चाहिए। साथ ही रोपाई के दो से तीन माह बाद क्यारियों में निकाई-गुड़ाई कर मिट्टी चढ़ानी चाहिए।
अदरक की खेती में लागत और कमाई
Adrak Ki Kheti अदरक की खेती बहुत ही कम खर्च में अधिक मुनाफा देती है। अगर आप इसकी खेती वैज्ञानिक तरीके से करें तो काफी अच्छा मुनाफा होता है। अदरक की फसल औसतन 150 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देती है। एक एकड़ में करीब 1 लाख 20 हजार रूपए का खर्च आता है। एक एकड़ में 120 क्विंटल अदरक का उत्पादन हो जाता है।
अदरक का मार्केट रेट कम से कम 40-50 रूपए मिलता है। 1 एकड़ में अगर 40 के हिसाब से लगाए तो करीब 4 लाख 80 हजार रूपए की आमदनी हो सकती है। इस तरह से 1 एकड़ में सारे खर्च निकाल कर कम से कम 2 लाख 50 हजार रुपए का किसानों को फायदा हो सकता है।
संक्षेप में कहें तो अदरक की खेती (adrak ki kheti) मुनाफे की खेती है। इसकी खेती में सबसे अच्छी बात है कि आपको बार-बार सिंचाई भी नहीं करनी पड़ती है। इससे आप कम मेहनत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
अदरक की खेती का पीडीएफ – PDF
ये तो थी अदरक की खेती (ginger farming in hindi) की बात। लेकिन, The Rural India पर आपको कृषि एवं मशीनीकरण, सरकारी योजनाओं और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर भी कई महत्वपूर्ण ब्लॉग्स मिलेंगे, जिनको पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं।