Monday, January 13, 2025

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काले टमाटर की खेती | Black Tomato Farming

Black tomato farming : काले टमाटर की खेती चौंकिए नहीं…अब भारत में भी काले टमाटर की खेती की शुरूआत हो चुकी है। 

यूरोप के मार्केट का ‘सुपरफूड’ कहा जाने वाली ‘इंडिगो रोज टोमेटाे’ की खेती में अब भारत के कई स्थानों पर सफलता पूर्वक हो रही है। यह पहली बार है जब भारत में काले टमाटर की खेती की जा रही है। 

अब आपका सवाल होगा कि काले टमाटर की खेती (Black tomato farming) भारत में कहां और कैसे करें?

तो आइए, ताजा खबर ऑनलाइन इस ब्लॉग में इसकी खेती को विस्तार से जानें। 

इसकी खेती करने से पहले काले टमाटर (Black tomato) की कुछ खास विशेषताओं को जान लेते हैं। 

काले टमाटर पर एक नज़र Black Tomato Farming

सबसे पहले काले टमाटर की खेती की शुरूआत इंग्लैंड में हुई है। इसका श्रेय रे ब्राउन को जाता है। उन्होंने जेनेटिक मुटेशन के द्वारा काले टमाटर को तैयार किया था। 

  • यह आरंभिक अवस्था में काला और पकने पर पूरी तरह काला हो जाता है। 
  • इसे इंडिगो रोज टोमेटो भी कहते हैं। 
  • इसे तोड़ने के बाद कई दिनों तक यह ताजा रहता है। 
  • यह जल्दी खराब और सड़ता नहीं है। 
  • इस टमाटर में बीज भी कम होते हैं।
  • देखने में यह उपर से काला और अंदर से लाल होता है। 
  • इसके बीज लाल टमाटर की तरह ही होते हैं। 
  • इसका स्वाद लाल टमाटर से कुछ अलग नमकीन होता है। 
  • इसमें ज्यादा मीठापन नहीं होने के कारण यह शुगर के मरीजों के लिए काफी लाभदायक होता है। 
  • इसे शुगर और दिल के मरीज भी खा सकते हैं।

काले टमाटर की औषधीय गुण

Black tomato farming : आइए अब बात करते हैं काले टमाटर की जलवायु के बारे में। 

काले टमाटर के लिए जरुरी जलवायु

Black tomato farming : भारत की जलवायु काले टमाटर के लिए काफी उपयुक्त है। इसकी खेती भी लाल टमाटर की तरह की जा सकती है। 

इस किस्म के टमाटर की पौध ठंडे स्थानों पर विकसित नहीं हो पाती है। इसके लिए गर्म क्षेत्र उपयुक्त होते हैं।

बुआई का समय

सर्दियों के जनवरी माह में पौध की बुआई की जाती है और गर्मियों यानी मार्च-अप्रैल के माह में किसान को काले टमाटर मिलने लगते हैं।

मिट्टी और तापमान

Black tomato farming : इसकी खेती के लिए जीवांश और कार्बनिक गुणों से भरपूर दोमट मिट्टी सही होती है। चिकनी दोमट मिट्टी में भी इसकी खेती की जा सकती है। खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए मिट्टी का पीएच मान 6.0-7.0 होना चाहिए। 

इसकी खेती 10 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान में होती है। 21 से 24 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान में पौधों का विकास अच्छा होता है।

भारत में इसकी खेती झारखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार के कई किसान कर रहे हैं। 

झारखंड के रामगढ़ जिले के प्रगतिशील किसान महेंद्र सिंह का कहना है कि

काले टमाटर की खेती को बड़े आसानी की जा सकती है। काले टमाटर की जैविक खेती करके किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं। और इसके सेवन से खुद को तंदुरुस्‍त रख सकते हैं।

नर्सरी के लिए बीज कहां से लें

Black tomato farming : अब आपके मन में यही प्रश्न होगा कि काले टमाटर की बीज कहां मिलेगा?

तो आपको बता दें, काले टमाटर की बीज अब भारत में आसानी से उपलब्ध है। इसके लिए बीज आप अमेजन, फ्लिपकार्ट, बिगहाट जैसी कंपनियों से ऑनलाइन मंगा सकते हैं। 

नर्सरी तैयार करने की विधि

Black Tomato Farming बीज की रोपाई से पहले मिट्टी को भुरभुरी बना लें। इसके बाद बीज की रोपाई भूमि की सतह से 20 से 25 सेंटीमीटर की ऊंचाई पर करें। नर्सरी में बीज की रोपाई के करीब 30 दिनों बाद पौधे रोपाई कर दें।

सिंचाई प्रबंधन 

  • खेत में आवश्यकता के अनुसार सिंचाई करें। 
  • टपक विधि से सिंचाई टमाटर की खेती के लिए काफी उपयुक्त होता है। 
  • मिट्टी में नमी की कमी न होने दें। 
  • सिंचाई के बाद यदि मिट्टी सूखी लगे तो खुरपी की सहायता से मिट्टी की ढीली कर खरपतवार निकाल दें। 
  • खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई करें।

उर्वरक प्रबंधन

  • अच्छी पैदावार के लिए प्रति हेक्टेयर 100 किलो नाइट्रोजन 60 किलो सल्फर और 60 किलो पोटाश की जरूरत होती है। 
  • खाद देते समय ध्यान रहें कि रोपाई के समय यूरिया की जगह आप दूसरी मिश्रित खाद या अमोनियम सल्फेट का प्रयोग करें। 
  • इसके लिए जैविक खाद बहुत ही फायदेमंद होता है। नर्सरी और पौध की रोपाई के समय कंपोस्ट और गोबर की खाद जरूर दें।

काले टमाटर की खेती में लागत और कमाई

Black tomato farming : लाल टमाटर से अधिक औषधीय गुणों के कारण बाजार में इसकी बहुत मांग है। आकर्षक रंग होने के कारण इसे ग्राहक बड़ी उत्सुकता से खरीदते हैं। 

लाल टमाटर की खेती के बराबर ही काले टमाटर की खेती में खर्च होता है। केवल बीज का खर्च अधिक पड़ता है। इसकी खेती में खर्च निकालकर प्रतिहेक्टेयर 4-5 लाख का मुनाफा हो सकता है।

काले टमाटर की पैकिंग और ब्रांडिंग भी मुनाफे को बढ़ा देती है। पैकिंग करके आप इसे बड़े महानगरों में बिक्री के लिए भेज सकते हैं।

ये तो थी काले टमाटर की खेती की बात। लेकिन,ताजा खबर ऑनलाइन पर आपको कृषि एवं मशीनीकरण, सरकारी योजनाओं और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर भी कई महत्वपूर्ण ब्लॉग्स मिलेंगे, जिनको पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं और दूसरों को भी इन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

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