Wednesday, January 15, 2025

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हाइड्रोपोनिक खेती क्या है?

कुछ दशक पहले मिट्टी(soil) के बिना खेती करने के लिए कोई सोच भी नहीं सकता था। लेकिन हाइड्रोपोनिक तकनीक (Hydroponic farming) ने यह संभव करके दिखाया है।

हाइड्रोपोनिक तकनीक को खेती के लिए एक अद्भुत आविष्कार माना जा रहा है। हाइड्रोपोनिक खेती में मिट्टी या जमीन की ज़रूरत नहीं पड़ती है। इस तकनीक में पौधों तक उर्वरक एवं पोषक तत्वों को पानी की सहायता से पहुंचाया जाता है।

तो आइए,ताजा खबर online के इस लेख में हाइड्रोपोनिक खेती (Hydroponic farming) के बारे में आसान भाषा में जानें।

हाइड्रोपोनिक खेती क्या है?( What is hydroponic farming?


हाइड्रोपोनिक खेती की एक आधुनिक तकनीक है। इस तकनीक में मिट्टी के बगैर, जलवायु को नियंत्रित करके खेती की जाती है। हाइड्रोपोनिक खेती में केवल पानी में या पानी के साथ बालू और कंकण में पौधे उगाए जाते हैं। हाइड्रोपोनिक खेती करीब 15 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान और 80 से 85 प्रतिशत आर्द्रता में की जाती है।

पौधों को ऐसे दिए जाते हैं पोषक तत्व

हम सभी जानते हैं कि मिट्टी में पौधों के लिए आवश्यक कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि यदि मिट्टी का प्रयोग नहीं किया जा रहा है तो पौधों को पोषक तत्व मिलते कैसे हैं?

तो आपको बता दें, हाइड्रोपोनिक पद्धति में फास्फोरस, नाइट्रोजन, मैग्निशियम, कैलशियम, पोटाश, जिंक, सल्फर, आयरन, आदि कई पोषक तत्व एवं खनिज पदार्थों को एक निश्चित मात्रा में मिलाकर घोल तैयार किया जाता है। इस घोल को निर्धारित किए गए समय के अंतराल पर पानी में मिलाया जाता है। जिससे पौधों को सभी पोषक तत्व मिल जाते हैं।

हाइड्रोपोनिक खेती कैसे की जाती है? (How is hydroponic farming done?)

हाइड्रोपोनिक खेती (hydroponic farming) में पाइप का प्रयोग करके पौधों को उगाया जाता है। पाइप में कई छेद बने रहते हैं, जिसमें पौधे लगाए जाते हैं। पौधों की जड़ें पाइप के अंदर पोषक तत्वों से भरे जल में डूबी रहती है। हाइड्रोपोनिक तकनीक के माध्यम से छोटे पौधों वाली फसलों की खेती की जा सकती है। जिसमें गाजर, शलजम, ककड़ी, मूली, आलू, शिमला मिर्च, मटर, मिर्च, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी, तरबूज, खरबूजा, अनानास, अजवाइन, तुलसी, आदि शामिल हैं।

हाइड्रोपोनिक खेती में कितनी लागत आती है? (How much does hydroponic farming cost?)
हाइड्रोपोनिक प्रणाली को स्थापित करने के लिए शुरुआत में अधिक लागत होती है। इस विधि से कम जगह में अधिक पौधे उगाए जा सकते हैं। इसलिए कुछ समय बाद इस विधि से किसान अधिक लाभ कमा सकते हैं।

यदि प्रति एकड़ क्षेत्र में हाइड्रोपोनिक तकनीक स्थापित करने की बात करें तो इसमें करीब 50,00,000 रुपए का खर्चा होता है।

यदि आप छोटे स्तर पर इसकी शुरुआत करना चाहते हैं तो आप 100 वर्ग फुट क्षेत्र में भी इसे स्थापित कर सकते हैं। इसमें 50,000 से 60,000 रुपए तक खर्च हो सकता है। 100 वर्ग फुट में लगभग 200 पौधों को उगाया जा सकता है।

इसके अलावा आप अपने घर या छत पर भी इसकी शुरुआत कर सकते हैं।

हाइड्रोपोनिक खेती के फायदे (Benefits of hydroponic farming)
हाइड्रोपोनिक तकनीक से खेती करने पर पानी की बचत होती है। यदि सही तरीके से हाइड्रोपोनिक खेती की जाए तो करीब 90 प्रतिशत तक पानी की बचत की जा सकती है।

परंपरागत खेती की तुलना में हाइड्रोपोनिक विधि से खेती करने पर कम जगह में अधिक पौधे उगाए जा सकते हैं

पोषक तत्व बर्बाद नहीं होते। इस्तेमाल किए जाने वाले पोषक तत्व पौधों को आसानी से मिल जाते हैं।

अच्छी गुणवत्ता की फसल प्राप्त की जा सकती है।

इस तकनीक में मौसम, जानवरों या किसी अन्य प्रकार के बाहरी, जैविक एवं अजैविक कारणों से पौधे प्रभावित नहीं होते।

ये तो थी, हाइड्रोपोनिक खेती (hydroponic farming) की बात। यदि आप इसी तरह कृषि, मशीनीकरण, सरकारी योजना, बिजनेस आइडिया और ग्रामीण विकास की जानकारी चाहते हैं तो इस वेबसाइट की अन्य लेख जरूर पढ़ें और दूसरों को भी पढ़ने के लिए शेयर करें।

Resource : https://bit.ly/3vgDxE4