Major improved varieties of paddy and their characteristics in hindi (धान की उन्नत किस्में): किसान साथियों! धान हमारे देश की एक महत्वपूर्ण फसल है। धान उत्पादन में भारत का दूसरा स्थान है। हमारे देश में 4000 हजार से भी अधिक धान की किस्में उगाई जाती है। इनमें कुछ अच्छी धान की 10 किस्मों (10 varieties of paddy) की जानकारी हम इस लेख में दे रहे हैं। जिसे आप अपने क्षेत्र के हिसाब से बुआई कर सकते हैं।
तो आइए,ताजा खबर online के इस लेख में सिंचित क्षेत्रों में उगाई जाने वाली धान की 10 किस्मों (10 varieties of paddy) को जानते हैं।
1.बासमती-370 (Basmati-370) Major improved varieties of paddy and their characteristics in hind
Major improved धान की इस किस्म के पौधे लंबे तथा दाने सफेद होते हैं। यह 150 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसके पौधे की ऊंचाई 140 से 150 सेंटीमीटर तक हो जाती है। औसतन पैदावार 22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त होती है। इसकी खेती मुख्य तौर पर हरियाणा में की जाती है।
2.पूसा सुगंध 3 (PUSA Sugandh 3)
Major improved इस किस्म के धान के दाने पतले और सुंगधित होता है। यह किस्म 120 से 125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 40 से 45 क्विंटल होता है। इसकी खेती प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीगगढ़ में होती है।
डीआरआर 310 (DRR 310)
धान की यह किस्म अच्छी पैदावार वाली और किस्म है। दाने सफेद तथा मध्यम लंबे होते हैं। 125 से 130 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। इसके पौधे की ऊंचाई 90 से 95 सेंटीमीटर तक होती है। यह BLB तथा ब्लास्ट रोग प्रतिरोधी किस्म है। SB, GLH तथा BPH रोग के प्रति सहनशील किस्म है। इसकी खेती मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, बिहार, केरल तथा पश्चिम बंगाल में मुख्य तौर पर की जाती है।
4.मकराम (Makram)
Major improved धान की यह किस्म अच्छी पैदावार वाली अर्ध बौनी किस्म है। इसके दाने मध्यम लंबे होते हैं। यह 160 से 175 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। पौधे की ऊंचाई 111 सेंटीमीटर तक हो जाती है। पौधे में रोग तथा रस चूसने वाले कीटों का प्रकोप नहीं होता है। औसतन पैदावार 52 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त हो जाती है।
5.हाइब्रिड -620 (Hybrid -620)
Major improved यह अच्छी पैदावार वाली उन्नत किस्म है। इसके दाने चमकदार तथा लंबे होते हैं। 125 से 130 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। यह ब्लास्ट रोग प्रतिरोधी किस्म है। B.P.H तथा L.F रोग के प्रति सहिष्णु किस्म है। इसकी औसतन पैदावार 62 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त हो जाती है।
6.पीएचबी -71 (PHB -71)
इस किस्म के दाने लंबे, चमकदार तथा सफेद होते हैं। यह 130 से 135 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। इसके पौधे की ऊंचाई 115 से 120 सेंटीमीटर तक होती है। BPH, GM तथा ब्लास्ट रोग के प्रति सहिष्णु किस्म है। औसतन पैदावार 87 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त हो जाती है। इसकी खेती हरियाणा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक तथा तमिलनाडु में मुख्य तौर पर की जाती है।
7.एनडीआर- 359 (NDR – 359)
Major improved धान की इस किस्म के दाने छोटे तथा पौधे अर्ध बोने होते हैं। 115 से 225 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। पौधे की ऊंचाई 90 से 95 सेंटीमीटर तक हो जाती है। यह LB , BS तथा BLB रोग प्रतिरोधी किस्म है। औसतन पैदावार 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त हो जाती है। इसकी खेती उत्तर प्रदेश, बिहार तथा ओडिशा में की जाती है।
8.सीएसआर-10 (CSR- 10)
Major improved इस किस्म के पौधे बोने तथा दाने छोटे सफेद रंग के होते हैं। यह 115 से 120 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। इसके पौधे की ऊंचाई 80 से 85 सेंटीमीटर तक हो जाती है। औसतन पैदावार 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त हो जाती है। इसकी खेती पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गोवा, ओडिसा, गुजरात, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में मुख्य तौर पर की जाती है।
9.आईआर 64 (IR 64)
इस किस्म के दाने लंबे लेकिन पौधा छोटा होता है। यह 120 से 125 दिनों में यह पककर तैयार हो जाती है। इसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 50 से 55 क्विंटल होता है। इसकी खेती उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, गोवा, ओडिसा, गुजरात, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में मुख्य तौर पर की जाती है।
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