Friday, April 18, 2025

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मूंगफली की खेती कैसे करें, यहां जानें

मूंगफली की खेती : यात्रा के दौरान आपने मूंगफली (Peanuts) के दाने का स्वाद जरूर चखा होगा। दोस्तों के साथ समूह में बैठकर मूंगफली खाने का अपना ही मजा है। इसे सस्ता बादाम भी कहा जाता है। 

मूंगफली में प्रोटीन और फाइबर पर्याप्त मात्रा में होते हैं। मूंगफली का सेवन करने से वजन कम में सहायता मिलती है। प्रतिदिन 50-100 मूंगफली खाने से सेहत बनी रहती है। मूंगफली भोजन को पचाने में मदद करता है। इससे शरीर में खून की कमी नहीं होती है। 

खेती की बात की जाए तो मूंगफली की खेती  से अन्य पारंपरिक फसल से ज्यादा पैदावार ली जा सकती है। यही कारण है कि मूंगफली की फसल से किसानों को अधिक लाभ मिलता है।

तो आइए, आज इस लेख में मूंगफली की उन्नत खेती  को आसान भाषा में जानते हैं। 

इस लेख में आप जानेंगे 

  • मूंगफली की खेती के लिए जलवायु
  • मूंगफली की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
  • खेती की तैयारी
  • मूंगफली की बुआई
  • मूंगफली की किस्में
  • लागत और कमाई

मूंगफली की खेती के लिए जलवायु Mungfali Ki Kheti

मूंगफली तिलहनी फसलों में एक महत्वपूर्ण फसल है। इसकी खेती प्रमुख रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में होती है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब में भी मूंगफली उगाई जाती है। 

मूंगफली के लिए अर्ध शुष्क और नम जलवायु की आवश्यकता होती है। अच्छी पैदावार के लिए 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड का तापमान सही होता है। इसके लिए 50 से 100 सेंटीमीटर बारिश की जरूरत होती है।

मूंगफली की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी

मूंगफली की खेती हल्की दोमट और बलुई मिट्टी में अच्छी होती है। मिट्टी का पीएच मान 6.0 से 6.5 के बीच ही होनी चाहिए।

ऐसे करें मूंगफली के लिए खेती की तैयारी

मूंगफली की खेती का सही समय 15 जून से लेकर 15 जुलाई तक का है। इसके पहले खेत को अच्छी तरह जुताई करके एक सप्ताह के लिए छोड़ दें। बुआई के पहले मिट्टी को भुरभुरी बना लें। खेत में नमी को बनाए रखने के लिए हर जुताई के बाद पाटा जरूर लगा लें।

एक हेक्टेयर खेत के लिए 1 क्विंटल मूंगफली के दाने पर्याप्त होती है। यदि देसी किस्मों का प्रयोग कर रहे हैं तो इसकी मात्रा थोड़ी सी बढ़ा सकते हैं। बीज हमेशा विश्वसनीय स्थानों से ही खरीदें। 

बुआई के पहले बीजों का उपचार जरूर कर लें। इससे बीज की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है। बीजोपचार 2 या 3 ग्राम थीरम या कार्बेन्डाजिम प्रति किलोग्राम बीज की दर से कर सकते हैं।  

मूंगफली की किस्में

फैलने वाली किस्में- आर एस- 1, एम- 335, चित्रा, आर जी- 382 (दुर्गा), एम- 13 और एम ए- 10 आदि। 

मध्यम फैलने वाली किस्में–  एच एन जी- 10, आर जी- 138, आर जी- 425, गिरनार- 2 और आर एस बी- 87 आदि।

झुमका किस्में- डी ए जी- 24, जी जी- 2, जे एल- 24, ए के- 12 व 24, टी जी- 37ए और आर जी- 141 आदि।

मूंगफली की खेती (peanut farming) में लागत और कमाई

मूंगफली अधिक उत्पादन देने वाली फसल है। इसकी खेती में प्रति हेक्टेयर 1-2 लाख रुपए की लागत आती है। किसान भाई समुचित उर्वरक और सिंचाई प्रबंधन करें तो उन्हें प्रति हेक्टेयर 5-6 लाख की आमदनी हो सकती है।

यह जानकारी कैसे लगी आप हमें जरूर बताएं। इसके साथ इस लेख को अन्य किसान साथियों तक शेयर भी करें।

Resource: https://bit.ly/3HwwCOr

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