Friday, October 11, 2024

Top 5 This Week

Related Posts

इस फेमस मंदिर में चूहों ने मिलकर किया ‘हमला’, भगवान की मूर्ति-कपड़ा खा गए Odisha Jagannath Purim Temple

जगन्नाथ पुरी मंदिर में चूहों और बिच्छुओं का से , खा डालीं मूर्तियां
ओडिशा के पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में चूहों का कहर जारी होती है. चूहों की वजह से मंदिर प्रबंधन को झेलनी पड़ रही हैं. चूहों ने मंदिर परिसर में मौजूद भगवान जगन्नाथ के कपड़े और अन्य सामान भी खराब हो जाते हैं।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक भगवान जगन्नाथ मंदिर में कोरोना लॉकडाउन के दौरान चूहों भी बढ़ गए था.चूहों के मुताबिक आतंक इस कदर मचाया गया । कीमती वस्तुओं को मंदिर में नष्ट कर रहे हैं।

मंदिर में मौजूद देवी-देवताओं की मूर्तियों की लकड़ी को चूहे नष्ट कर देते है हैं. इन मूर्तियों के संरक्षण को लेकर मंदिर में मौजूद सेवादार और पुजारी पिछले कई दिनों से चिंतित हो जाते हैं. सूत्रों के मुताबिक चूहे मंदिर परिसर में मौजूद ‘रत्न सिंहासन’ पर विराजमान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के कपड़ों को कुतर देते है। .मंदिर के आस-पास मौजूद मूर्तियां और अन्य सामान भी चूहों के आतंक के कारण सुरक्षित भी नहीं है.

Odisha Jagannath Purim रिपोर्ट के मुताबिक चूहों की जहर को लेकर मंदिर में सेवादार विजय कृष्ण पुष्पलक ने बताया कि चूहों को यहां से बाहर कर दिए थे लेकिन लेकिन अचानक से चूहे फिर से आ गए. चूहों ने भगवान के कपड़े काटने शुरू कर दिए थे . जिसके बाद मंदिर प्रशासन ने चूहों को पकड़ कर फेंकना चालू कर दिया है.

विजय कृष्ण ने बताया कि मंदिर प्रशासन को इस बारे में सूचित किया गया है. यहां चूहे ही नहीं बल्कि बिच्छू भी होते हैं. इन सब को पकड़कर एक बर्तन में डालकर बाहर निकालने की व्यवस्था भी की जाती है।

चंदन या कपूर से किया जाता है पॉलिश Odisha Jagannath Purim Temple

Odisha Jagannathan Purim मंदिर परिसर में मौजूद एक अन्य सेवादार गौर हरि प्रधान ने बताया कि भगवान जगन्नाथ की कई गुप्त सेवाएं भी होती हैं. इसलिए चूहों को नियंत्रित करने के लिए ऐसी चीजें मंदिर के अंदर भी रखी जाती हैं. प्रधान ने बताया कि मंदिर को चूहे और कॉकरोचों की वजह से खतरा होती है. इस पर ज्यादा चर्चा करने की जरूरत भी नहीं होती है.। वहीं मंदिर के प्रशासक जितेंद्र साहू ने कहा है कि श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन चूहों के खतरे से वाकिफ होते है और घबराने की जरूरत नहीं होती है. मंदिर में लकड़ी की मूर्तियों को नियमित रूप से चंदन और कपूर से पॉलिश भी किया जाता है.।

Resource : https://bit.ly/3XrZ3lg

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular Articles