सोशल मीडिया पर चंडीगढ़ (Chandigarh) के एक IAS अधिकारी का वीडियो वायरल हो रहा है.जानकारी के मुताबिक, तो अधिकारी ने दफ्तर आए एक व्यक्ति को CPR देकर उसकी जान बचाई. ये बताया जा रहा है कि मंगलवार, 17 जनवरी को चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड में सी एच बी का क्या मतलब है (CHB) के ऑफिस आया एक शख्स अचानक गिर गया था. ऐसे में चंडीगढ़ के हेल्थ सेक्रेटरी यशपाल गर्ग ने उस शख्स को सबसे पहले ही CPR दिया और मरीज को तुरंत ही हॉस्पिटल भेजा गया. यशपाल गर्ग चंडीगढ़ हाउसिंग में बोर्ड के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर को (CEO) भी हैं.
‘हर इंसान को CPR क्यू सीखना चाहिए’
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस घटना के बारे में शेयर करते हुए और अधिकारी की तारीफ की है. उन्होंने लिखा,
एक आदमी को हार्ट अटैक आया तो चंडीगढ़ के हेल्थ सेक्रेटरी IAS यशपाल गर्ग में तुरंत CPR देकर उस आदमी की जान बचाई. उनके इस काम की जितनी भी सराहना की जाए तो उतनी कम ही है. हार्ट अटैक से जानें भी बचाई जा सकती हैं. तो हर इंसान को CPR सीखना ही चाहिए.
आजतक के ललित शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, चंडीगढ़ के सेक्टर 41-A में रहने वाले जनक कुमार चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के दफ्तर में आए थे. एक मामले की सुनावाई थी. इस दौरान जनक कुमार की सेक्रेटरी के चैंबर में अचानक वे गिर पड़े. थे और बताया जा रहा है कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा था. उस मौके पर मौजूद लोगों ने और अधिकारियों ने उन्हें कुर्सी पर भी बैठाया.था फिर उसके बाद IAS अधिकारी यशपाल गर्ग ने उन्हें CPR भी दिया. लगभग एक मिनट की प्रक्रिया के बाद जनक कुमार की तबीयत में सुधार भी दिखा. फिर उन्हें तुरंत हॉस्पिटल में भेजा गया.
लोग क्या बोले?
हार्टअटैक वीडियो पर कई यूजर्स के IAS अधिकारी के प्रयास की सराहना भी कर रहे हैं. तो वहीं कई ने चिंता जताई कि अधिकारी ने जिस तरीके से CPR दिया, था वो सही नहीं था. इससे मरीज को नुकसान भी पहुंच सकता था.
सीपीआर कब करना चाहिए
हार्ट अटैक प्लीज इस तरह मरीज के सीने पर जंप भी नहीं करना चाहिए. की इससे हालत और बेहतर होने की बजाए ज्यादा नुकसान भी पहुंच सकता है. इन चीजों का फायदा तभी होता है, जब इसे जरूरत पड़ने पर और यह सही तरीके से किया जाए. कृपया प्रॉपर कोर्स से इसे सीखें न कि टीवी चैनलों की रिपोर्ट से. ही
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक IAS अधिकारी यशपाल गर्ग ने कहा, है
हार्ट अटैक CPR देने की ट्रेनिंग नहीं ली है, लेकिन वे हाल ही में एक टीवी न्यूज चैनल पर में एक वीडियो देखा था. तो इसमें एक मरीज डॉक्टर के सामने बैठा था, जो दवा लिख रहे थे. तो अचानक मरीज कुर्सी पर गिर पड़ा था. डॉक्टर मरीज के पास आए और सीपीआर करके मरीज की जान बचा लिया. मुझे पता है कि मैंने जो प्रोसेस अपनाया,है हो सकता है कि वो पूरी तरह से सही न हो, लेकिन उस समय मेरे दिमाग में जो आया था मैंने वही किया. समय न बर्बाद करने की बजाए जिंदगी बचाने की कोशिश करना जरूरी था.
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CPR क्या होता है?
CPR यानी कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन में (Cardiopulmonary Resuscitation) एक लाइफ सेविंग तकनीक है, जो कि उन हालात में काम आती है, जब किसी की सांस रुक जाए या दिल की धड़कन रुक जाए. तो CPR हार्ट अटैक या मेजर ट्रॉमा जैसे रोड एक्सिडेंट या बिजली का झटका लगने जैसी स्थितियों में दिया जाता है. इससे दिल फिर से काम करना शुरू कर भी सकता है. ये तकनीक तब काम आती है, जब आसपास डॉक्टर या नर्स से मदद न उपलब्ध हो.
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