Wednesday, January 15, 2025

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सीताफल की खेती: कम लागत में मुनाफा कमाएं, पूरी जानकारी | सीताफल की खेती कैसे करें

सीताफल की खेती कम लागत में अधिक लाभ देने वाला व्यवसाय है। इस लेख में सीताफल की खेती करने की पूरी जानकारी दी गई है, जिसमें किस्मों का चयन, भूमि का चुनाव, रोपण, देखभाल, सिंचाई, कटाई और विपणन शामिल है।

ऊपर से सख्त और अंदर से गूदेदार शरीफा (Custard apple) का स्वाद हम सभी लोगों को खूब भाता है। ‘सीताफल’ के नाम से भी जाना जाने वाले इस फल में कई औषधीय गुण होता है। यह एक मीठा और स्वादिष्ट फल है। इसमें आयरन और विटामिन भरपूर मात्रा में होता है। शरीफा कई रोगों से लड़ने की शक्ति रखता है। साथ ही यह त्वचा और पेट के लिए भी अच्छा होता है। यह फल बहुत ठंडा होता है। इसको खाने से शुगर, बीपी और अस्थमा जैसी बीमारियां दूर रहती हैं। यह पाचन शक्ति और वजन बढ़ाने में भी करागर साबित होता है। शरीफे की जड़ें ज्यादा फैलती नहीं हैं। इसको आसानी से घर में लगाया जा सकता है।

शरीफा की खेती (custard apple cultivation) कम लागत में अधिक मुनाफे वाला व्यवसाय है। आजकल कई किसान पारंपरिक खेती छोड़कर शरीफे की खेती कर रहे हैं।

तो आइए, The Ethonce के इस ब्लॉग में इस सीताफल की खेती (sharifa ki kheti) को विस्तार से जानें।

सीताफल(शरीफा) की खेती के लिए जरुरी जलवायु
शरीफा की खेती (sharifa ki kheti) के लिए सामान्य जलवायु की जरूरत होती है। जहां न तो ज्यादा गर्मी न तो ज्यादा ठंडी पड़ती हो। ज्यादा ठंड और पाले पड़ने वाले स्थानों पर इसकी खेती नहीं करनी चाहिए।

शरीफा की खेती के लिए गर्म मौसम बहुत लाभदायक होता है। इसका पौधा काफी कठोर होता है। यह शुष्क जलवायु में आसानी से उगाया जा सकता है। इसके पौधे गर्मी में जल्दी बढ़ते हैं। फूल आने के समय मौसम शुष्क होना चाहिए। 40 डिग्री से अधिक तापमान पहुंचने पर इसके फूल झड़ने लगते हैं।

शरीफा की खेती का समय
शरीफा को गर्मी के मौसम में लगाना चाहिए। पाले में इसको नुकसान होता है। सर्द के मौसम में ये सख्त हो जाते हैं और पकते नहीं हैं। शरीफा के फूल के लिए गर्म मौसम बहुत लाभदायक होता है। मानसून आने तक इसमें फल बनने लगता है।

सीताफल(शरीफा) की खेती के लिए आवश्यक मिट्टी
शरीफा की खेती (sharifa ki kheti) सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन दोमट मिट्टी इसके लिए सबसे ज्यादा उपयोगी है। इस फल को लगाने के लिए अधिक पानी की जरूरत नहीं होती है। जलभराव की स्थिति में पैदावार कम हो सकती है। जलभराव होने के कारण पौधें में कई रोग लग सकते हैं।

शरीफा की खेती में ध्यान रखने योग्य बातें
सीता फल लगाने के लिए कलमी पौधे का उपयोग करना चाहिए।

रोग मुक्त पौधे को ही लगाएं। साथ ही कम ऊंचाई, सीधे और स्वस्थ पौधे ही लगाएं।

पौधे के पास मिट्टी भर दें। शाम के समय ही पौधे को लगाएं।

पौधे जुलाई-अगस्त या फरवरी-मार्च के समय ही लगाएं।

पौधे की रोपाई के बाद सिंचाई करते रहना चाहिए।

गर्मी के मौसम में 15 दिन के अंदर सिंचाई कर देनी चाहिए।

अच्छी पैदावार के लिए जैविक और रासायनिक उर्वरक समय-समय पर डालें।

सीताफल की किस्में
बालानगर

यह किस्म आंध्र प्रदेश में पाई जाती है। इसके फल की गुणवत्ता बहुत अच्छी होती है। यह खाने में भी बहुत मीठा होता है।

लाल सीताफल

इस किस्म का फल जामुनी रंग का होता है। इसका स्वाद लाजवाब होता है। इसमें बीज की मात्रा अधिक होती है। इसमें पहले साल 40 से 50 फल निकलते हैं, जो समय के साथ बढ़ते रहते हैं।

मेमथ

इस किस्म के शरीफे में बीज कम होते हैं। ये गोल होते हैं और बड़े आकार के होते हैं। इसमें गुदा अधिक मात्रा में होता है।

अर्का सहान

यह एक हाइब्रिड किस्म है। इसे IIHR- भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान बैंगलोर ने विकसित किया है। इसके फल बहुत स्वादिष्ट होते हैं। इसमें गुदा अधिक मात्रा में पाया जाता है।

सिंचाई और उर्वरक प्रबंधन
बरसात के मौसम में इस पौधे को सिंचाई की जरूरत नहीं होती है, लेकिन पौधे के मुरझाने पर सिंचाई जरूर करनी चाहिए। गर्मी के मौसम में पौधे को पानी जरूर दें, वहीं सर्दी के दिनों में हफ्ते में एक बार सिंचाई करें। सीता फल के पौधे को बहुत ज्यादा उर्वरक की जरूरत नहीं होती है, लेकिन अच्छी पैदावार के लिए सड़ी हुई गोबर की खाद, नाइट्रोजन, पोटाश आदि डाल सकते हैं।

सीताफल(शरीफा) की खेती में लागत और कमाई
सीताफल के पौधा दो से तीन साल बाद फल देना शुरू कर देता है। इस पौधे में लागत बहुत ज्यादा नहीं लगती है। शुष्क मौसम में ये पौधे तेजी से फलते हैं। इस फल की 1 एकड़ की खेती में 8 से 10 टन फल मिलता है।

औषधीय फल होने के कारण सीताफल का बाजार में इसकी मांग बहुत ज्यादा है। इसकी खेती से आप लागत निकाल कर प्रति एकड़ 5-6 लाख सालाना कमा सकते हैं।
ये तो थी शरीफा की खेती (custard apple cultivation) की बात। लेकिन, The Rural India पर आपको कृषि एवं मशीनीकरण, सरकारी योजनाओं और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर भी कई महत्वपूर्ण ब्लॉग्स मिलेंगे, जिनको पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं और दूसरों को भी इन्हें पढ़ने के लिए शेयर कर सकते हैं।