चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ मंगलवार, 11 अप्रैल को एक वकील पर नाराज़ हो गए. उन्होंने वकील को चेताते हुए कहा, ‘मेरे अधिकारों में दखल देने की कोशिश न करें.’ वकील ने CJI की बेंच के सामने एक केस की जल्द सुनवाई की मांग की थी.
किस बात पर नाराज़ हुए CJI?
इंडिया टुडे की सृष्टि ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक एक वकील अपने मामले की जल्द सुनवाई चाह रहे थे. जब उनसे कहा गया कि केस की सुनवाई के लिए 17 अप्रैल की तारीख पहले से तय की गई है, तो वकील ने कहा कि अगर उन्हें इजाजत मिले तो वो केस को दूसरी बेंच के सामने मेंशन कर सकते हैं?
इस पर CJI ने पूछा,
आपको 17 तारीख दी गई है, आप 14 की तारीख पाने के लिए किसी दूसरी बेंच के सामन इसे मेंशन करना चाहते हैं?
इसके बाद वकील ने कहा कि इसी तरह का मामला कल (10 अप्रैल) को अदालत ने उठाया था और कुछ नए मामलों का भी उल्लेख किया गया था.
CJI चंद्रचूड़ ने कहा,
हम आपको 17 तारीख दे रहे हैं. जल्द तारीख पाने के लिए इसे कहीं और मेंशन ना करें. मेरे साथ ये खेल मत खेलिए. पहले आपने यहां मेंशन किया और अब जल्दी सुनवाई के लिए दूसरी जगह मेंशन करना चाहते हैं. ये कतई ठीक नहीं है.
बेंच के मूड को भांपते हुए वकील ने खेद जताया और कहा कि उन्हें उनकी दलीलों के लिए माफ किया जाना चाहिए. इस पर CJI ने सख्त लहजे में कहा,
हां, आपको क्षमा कर रहे हैं. लेकिन मेरे अधिकार के साथ खिलवाड़ ना करें.
इसके बाद संबंधित वकील ने माफी भी मांग ली
अर्जेंट लिस्टिंग – जल्द सुनवाई का एक रास्ता
हर सुबह, CJI की अगुवाई वाली बेंच औसत 100 मामलों की अरजेंट लिस्टिंग पर विचार करती है. इसमें वकील बारी-बारी से अपने मामलों का उल्लेख करते हैं. और बेंच ये देखती है कि क्या इस मामले में अविलंब सुनवाई की आवश्यकता है. जब ऐसा होता है, तब मामले को सुनवाई के लिए स्वीकार किया जाता है. वर्ना आगे की तारीख दी जाती है. वैसे ये कोई पहला मौका नहीं है, जब CJI ने किसी केस की जल्दी सुनवाई की मांग पर अपनी नाराजगी जाहिर की हो.
पहले भी फटकार लगा चुके हैं CJI
इसी साल जनवरी में CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह से कहा था कि ये भारत के मुख्य न्यायाधीश की अदालत है और कोई और ये तय नहीं करेगा कि अदालत चलेगी कैसे. बार असोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने बेंच से वकीलों के लिए चैंबर आवंटित करने के मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की थी.