Friday, December 13, 2024

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टिंडा की खेती से कमाएं अच्छी आमदनी, जानिए

गर्मी के दिनों में बाजार में सब्जियों का उत्पादन प्रायः कम हो जाता है। इन दिनों एक ऐसी ही सब्जी बोई जाती है जिसका नाम है- टिंडा।

टिंडा की खेती (tinda ki kheti) जायद सीजन में खूब होती है। किसान इसकी खेती से 70 से 80 दिनों में अच्छी कमाई कर सकते हैं।

टिंडा की खेती उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, और आंध्र प्रदेश में खूब होती है। गंगा-यमुना के कछार वाले इलाके में इसकी खेती खूब होती है।

तो आइए, द रुरल इंडिया के इस ब्लॉग में टिंडा की खेती कैसे करें (tinda ki kheti kaise hoti hai), जानें।

टिंडा की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और मिट्टी
टिंडा की फसल (tinda ki phasal) जायद ऋतु में की जाती है। इसके लिए अधिकतम तापमान 25 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड तक की जरूरत पड़ती है। टिंडा की खेती के लिए बलुई और दोमट मिट्टी उत्तम माना जाता है। इसके लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के मध्य होना चाहिए।

टिंडा की फसल के अंकुरण के लिए औसतन तापमान 27 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड के मध्य उपयुक्त होता है।

ऐसे करें खेत की तैयारी Tinda Ki Kheti

सबसे पहले खेत को दो जुताई हैरो और दो जुताई कल्टीवेटर द्वारा पाटा लगाकर करें

जुताई के बाद खेत को समतल कर लें। खेत में जुताई से पहले 10 से 12 टन प्रति एकड़ गोबर या कंपोस्ट खाद डालकर अच्छी तरह मिला लें।

बुआई के समय इन बातों का रखें ध्यान
बुआई से पहले बीज का उपचार जरूर कर लें।

बुआई से पहले बीजों को 12-24 घंटे पानी में भिगोकर रखें।

इसके बाद प्रति किलो कार्बेनडाजिम की 2 ग्राम या थीरम की 2.5 ग्राम मात्रा में मिलाएं।

बीज को छाया में सुखाकर बुआई कर दें।

बुआई के लिए प्रति एकड़ के हिसाब से डेढ़ किलो बीज पर्याप्त है।

बीज को क्यारियों में 60 सेंटीमीटर की दूरी बोएं।

सिंचाई एवं उर्वरक प्रबंधन

टिंडे की खेती में पानी की ज्यादा जरूरत होती है। गर्मी ज्यादा होने पर इसकी खेत में सप्ताह में दो बार सिंचाई करें। अच्छी पैदावार के लिए खेत में नमी का विशेष ध्यान रखें। यदि आप जुताई के समय ही कंपोस्ट खाद या गोबर की खाद डाल चुके हैं तो आपको रासायनिक खाद की कम जरूरत पड़ेगी। कृषि वैज्ञानिकों के सलाह से ही किसी अन्य रासायनों का प्रयोग करें।

टिंडा की उन्नत किस्में

टिंडे की उन्नत किस्मों में एस-48, टिंडा लुधियाना, पंजाब टिंडा-1, अर्का टिंडा, अन्नामलाई टिंडा, मायको टिंडा, स्वाती, बिकानेरी ग्रीन, हिसार चयन-1, एस-22 प्रमुख हैं।

इसके अलावा आपको मार्केट में प्राइवेट कंपनियों की कई किस्में मिल जाएगी जिसकी खेती आप कर

टिंडा की खेती में लागत और कमाई

गर्मियों में टिंडा की खूब मांग होती है। बाजार में इसका मूल्य 10 से 20 रुपए प्रति किलो होता है। औसतन पैदावार 80 से 120 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त की जा सकती है। इसकी खेती में प्रति एकड़ 20 से 25 हजार की खर्च आती है। इसके आप आसानी से 50 हजार से 1.5 लाख रुपए कमा सकते है।

ये तो थी टिंडा की खेती कैसे करें (tinda ki kheti kaise hoti hai) की संपूर्ण जानकारी। यदि आप इसी तरह कृषि, मशीनीकरण, सरकारी योजना, बिजनेस आइडिया और ग्रामीण विकास की जानकारी चाहते हैं तो इस वेबसाइट की अन्य लेख जरूर पढ़ें और दूसरों को भी पढ़ने के लिए शेयर करें।

Resource : https://bit.ly/3uYCWXb

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