Tomato farming in hindi: हमारे देश में महंगाई के दौरान टमाटर पर खूब राजनीति होती है। टमाटर (tomato) एक ऐसी सब्जी है जिसकी मांग सालभर रहती है। टमाटर के दाम आमसान छूने लगते हैं। किसानों के लिए टमाटर की खेती (tamatar ki kheti) बहुत ही लाभकारी है। ऐसे समय जब देश में टमाटर (tomato) की मांग बहुत ज्यादा हो तो किसान इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
Tomato Farmingटमाटर (tomato) दुनिया भर में आलू के बाद दूसरे नंबर की महत्वपूर्ण फसल है। इसे फल की तरह कच्चा और पकाकर भी खाया जा सकता है। टमाटर में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, खनिज लवण और एंजाइम पाया जाता है। टमाटर का प्रयोग जूस, सूप, पाउडर और कैचअप बनाने के लिए भी किया जाता है।
ऐसे में अगर आप अपने खेत या घर की चारदीवारी के अंदर इसकी खेती करना चाहते हैं, तो हम आपके लिए टमाटर की खेती (tamatar ki kheti)की महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं। इस लेख में आपको टमाटर की खेती कैसे करें, प्रश्न का आसान भाषा जानकारी मिलेगी।
इस लेख में आप जानेंगे।
- टमाटर के लिए ज़रुरी जलवायु
- खेती के लिए उपयोगी मिट्टी
- खेती का सही समय
- खेती की तैयारी कैसे करें
- टमाटर की उन्नत किस्में
- सिंचाई और उर्वरक प्रबंधन
- रोग एवं कीट प्रबंधन
- टमाटर की खेती में लागत और कमाई
Tomato Farming तो आइए सबसे पहले टमाटर की खेती (tamatar ki kheti) के लिए ज़रुरी जलवायु के बारे में जानते हैं।
टमाटर के लिए जरूरी जलवायु
Tomato Farming टमाटर (tomato) समशीतोष्ण जलवायु का पौधा है। इसके लिए 50-60 सेंटीमीटर वार्षिक बारिश की जरूरत होती है। टमाटर की उपज में तापमान की अहम भूमिका होती है। टमाटर की खेती (tamatar ki kheti) के लिए 20 से 25 डिग्री सेन्टीग्रेट तापमान अच्छा होता है। वहीं तापमान अधिक होने के चलते फूल और अपरिपक्व फल टूटकर गिरने लगते हैं। हालांकि जब तापमान 35 डिग्री से ज्यादा होता है तो टमाटर का अंकुरण बहुत कम हो जाता है।
टमाटर की खेती के लिए उपयोगी मिट्टी
Tomato Farming टमाटर की फसल के लिए काली दोमट मिट्टी, रेतीली दोमट मिट्टी और लाल दोमट मिट्टी बेहतर मानी जाती है। इस तरह की मिट्टी में आप सफलतापूर्वक टमाटर की खेती कर सकते हैं। हल्की मिट्टी में भी टमाटर की खेती अच्छी होती है। टमाटर की अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी का पीएच मान 7 से 8.5 के बीच होनी चाहिए। क्योंकि इसमें मध्यम अम्लीय और लवणीय मिट्टी को सहन करने की क्षमता होती है। टमाटर की खेती (tamatar ki kheti) अच्छे जलनिकासी वाले जमीन में इसके खेती करें, अन्यथा टमाटर के पौधों को गलने और जड़गलन की समस्या हो सकती है।
टमाटर की खेती का सही समय
Tomato Farming टमाटर की खेती (tamatar ki kheti) भारत में सालभर होती है। देश के उत्तरी राज्यों में बसंत के समय टमाटर के पौधे नवंबर की आखिरी में बोई जाती है और जनवरी के दूसरे पखवाड़े में खेत में लगाई जाती है। अन्य स्थानों पर टमाटर की रोपाई जुलाई-अगस्त में की जाती है और अगस्त-सितंबर में यह खेत में लगा दी जाती है। वहीं पहाड़ी इलाकों में इसकी रोपाई मार्च-अप्रैल में की जाती है और मई में यह खेत में लगा दी जाती है।
टमाटर के लिए खेती की तैयारी कैसे करें
- टमाटर की खेती (tamatar ki kheti) से पहले खेत को 3-4 बार जोतकर अच्छी तरह तैयार कर लें।
- पहली जुताई जुलाई के महीने में मिट्टी पलटने वाले हल से करें।
- खेत की जुताई के बाद समतल करके 250 से 300 क्टिंल प्रति हेक्टेयर की दर से सड़ी गोबर की खाद को समान रूप से खेत में बिखेरकर फिर से अच्छी से जुताई कर लें और खरपतवार को पूरी तरह से हटा दें।
- इसके बाद टमाटर की पौध को 60 45 सेंटीमीटर की दूरी लेते हुए रोपाई करें।
Tomato Farming बता दें कि खेत में रोपने से पूर्व टमाटर के पौधे नर्सरी में तैयार किये जाते हैं। इसके लिए नर्सरी को 90 से 100 सेंटीमीटर चौड़ी और 10 से 15 सेंटीमीटर उठी हुई बनाना चाहिए। इसके चलते नर्सरी में पानी नहीं रुकता है। वहीं टमाटर की पौध की गुड़ाई भी अच्छी तरह हो जाती है। टमाटर की बीजों की बुआई करने के बाद हल्की सिंचाई ज़रूर करें।
टमाटर की उन्नत किस्में
Tomato Farmingटमाटर (tomato) की देसी किस्मों में पूसा शीतल, पूसा-120, पूसा रूबी, पूसा गौरव, अर्का विकास, अर्का सौरभ और सोनाली प्रमुख मानी जाती हैं। वहीं टमाटर की हाइब्रिड किस्मों में पूसा हाइब्रिड-1, पूसा हाइब्रिड-2, पूसा हाइब्रिड-4, रश्मि और अविनाश-2 प्रमुख माने जाते हैं। हालांकि आपको बता दें कि भारत में टमाटर की खेती करने वाले किसान अधिकांश टमाटर की अर्का रक्षक किस्म की काफी खेती करते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि इस किस्म से बंपर पैदावार मिलती है। इसके अलावा इसमें टमाटर में लगने वाले प्रमुख रोगों से लड़ने की क्षमता अन्य टमाटर की किस्मों की तुलना में अधिक होती है।
टमाटर की फसल में सिंचाई और उर्वरक प्रबंधन
- टमाटर की खेत में पर्याप्त मात्रा में नमी होनी चाहिए।
- इसके लिए आप टपक सिंचाई का उपयोग करें।
- टमाटर की बीज लगने से पहले बीजों को उपचारित जरूर कर लें।
- टमाटर की अच्छी पैदावार के लिए समय-समय पर उसकी गुड़ाई करते रहें।
- वहीं उर्वरकों के इस्तेमाल से पहले मिट्टी का परीक्षण कर लें।
- अगर किसी वजह से मिट्टी की जांच ना हो पाए तो प्रति 100 किलोग्राम हेक्टेयर यूरिया, 80 किलोग्राम फॉस्फोरस और 60 किलोग्राम पोटाश का इस्तेमाल करें।
- एक तिहाई यूरिया, फॉस्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा का मिश्रण बनाकर प्रतिरोपण से पहले मिट्टी में बिखेर कर अच्छी तरह से मिला लें।
- बाकी बचे यूरिया को दो बराबर भागों में बांटकर, रोपाई के 25 से 30 और 45 से 50 दिन बाद उपरिवेशन (टॉपड्रेसिंग) के रूप में डालकर मिट्टी में मिला लें।
- जब फूल और फल आने शुरू हो जाए, उस स्थिति में 0.4-0.5 प्रतिशत यूरिया के घोल का छिडक़ाव कर सकते हैं।
- पौधों की रोपाई के समय 20-25 किलोग्राम बोरेक्स प्रति हेक्टेयर, की दर से डालकर, मिट्टी में मिला देना चाहिए।
- फलों की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए 0.3 प्रतिशत बोरेक्स का घोल फल आने पर 3-4 छिड़काव करें।
टमाटर की खेती की लागत और कमाई
Tomato Farmingटमाटर (tomato) की उत्पादन की बात करें तो अच्छी तरह से तैयार खेत मे टमाटर की औसत उपज 350 से 480 क्विंटल/हेक्टेयर तथा टमाटर की हाइब्रिड किस्में की उपज 700-800 क्विंटल/हेक्टेयर तक हो जाती है। प्रति एकड़ 20000 रुपये की लागत आ सकती है और बाजार में जाने पर उपज की कुल कीमत करीब 60 हजार रुपये के कीमत मिल सकती है।
Tomato Farming टमाटर एक ऐसा फल है जिसका कई प्रकार की चटनी, कैचअप, खटाई और फ्लेवर डालने में किया जाता है। जिससे इसकी मांग खाद्य प्रोसेसिंग करने वाली कंपनियों में डिमांड होती है। इन कंपनियों आप अपने फसल को डायरेक्ट सेल कर सकते हैं।
Tomato farming in hindi: हमारे देश में महंगाई के दौरान टमाटर पर खूब राजनीति होती है। टमाटर (tomato) एक ऐसी सब्जी है जिसकी मांग सालभर रहती है। टमाटर के दाम आमसान छूने लगते हैं। किसानों के लिए टमाटर की खेती (tamatar ki kheti) बहुत ही लाभकारी है। ऐसे समय जब देश में टमाटर (tomato) की मांग बहुत ज्यादा हो तो किसान इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
Tomato Farmingटमाटर (tomato) दुनिया भर में आलू के बाद दूसरे नंबर की महत्वपूर्ण फसल है। इसे फल की तरह कच्चा और पकाकर भी खाया जा सकता है। टमाटर में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, खनिज लवण और एंजाइम पाया जाता है। टमाटर का प्रयोग जूस, सूप, पाउडर और कैचअप बनाने के लिए भी किया जाता है।
ऐसे में अगर आप अपने खेत या घर की चारदीवारी के अंदर इसकी खेती करना चाहते हैं, तो हम आपके लिए टमाटर की खेती (tamatar ki kheti)की महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं। इस लेख में आपको टमाटर की खेती कैसे करें, प्रश्न का आसान भाषा जानकारी मिलेगी।
इस लेख में आप जानेंगे।
- टमाटर के लिए ज़रुरी जलवायु
- खेती के लिए उपयोगी मिट्टी
- खेती का सही समय
- खेती की तैयारी कैसे करें
- टमाटर की उन्नत किस्में
- सिंचाई और उर्वरक प्रबंधन
- रोग एवं कीट प्रबंधन
- टमाटर की खेती में लागत और कमाई
Tomato Farming तो आइए सबसे पहले टमाटर की खेती (tamatar ki kheti) के लिए ज़रुरी जलवायु के बारे में जानते हैं।
टमाटर के लिए जरूरी जलवायु
Tomato Farming टमाटर (tomato) समशीतोष्ण जलवायु का पौधा है। इसके लिए 50-60 सेंटीमीटर वार्षिक बारिश की जरूरत होती है। टमाटर की उपज में तापमान की अहम भूमिका होती है। टमाटर की खेती (tamatar ki kheti) के लिए 20 से 25 डिग्री सेन्टीग्रेट तापमान अच्छा होता है। वहीं तापमान अधिक होने के चलते फूल और अपरिपक्व फल टूटकर गिरने लगते हैं। हालांकि जब तापमान 35 डिग्री से ज्यादा होता है तो टमाटर का अंकुरण बहुत कम हो जाता है।
टमाटर की खेती के लिए उपयोगी मिट्टी
Tomato Farming टमाटर की फसल के लिए काली दोमट मिट्टी, रेतीली दोमट मिट्टी और लाल दोमट मिट्टी बेहतर मानी जाती है। इस तरह की मिट्टी में आप सफलतापूर्वक टमाटर की खेती कर सकते हैं। हल्की मिट्टी में भी टमाटर की खेती अच्छी होती है। टमाटर की अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी का पीएच मान 7 से 8.5 के बीच होनी चाहिए। क्योंकि इसमें मध्यम अम्लीय और लवणीय मिट्टी को सहन करने की क्षमता होती है। टमाटर की खेती (tamatar ki kheti) अच्छे जलनिकासी वाले जमीन में इसके खेती करें, अन्यथा टमाटर के पौधों को गलने और जड़गलन की समस्या हो सकती है।
टमाटर की खेती का सही समय
Tomato Farmingटमाटर की खेती (tamatar ki kheti) भारत में सालभर होती है। देश के उत्तरी राज्यों में बसंत के समय टमाटर के पौधे नवंबर की आखिरी में बोई जाती है और जनवरी के दूसरे पखवाड़े में खेत में लगाई जाती है। अन्य स्थानों पर टमाटर की रोपाई जुलाई-अगस्त में की जाती है और अगस्त-सितंबर में यह खेत में लगा दी जाती है। वहीं पहाड़ी इलाकों में इसकी रोपाई मार्च-अप्रैल में की जाती है और मई में यह खेत में लगा दी जाती है।
टमाटर के लिए खेती की तैयारी कैसे करें
- टमाटर की खेती (tamatar ki kheti) से पहले खेत को 3-4 बार जोतकर अच्छी तरह तैयार कर लें।
- पहली जुताई जुलाई के महीने में मिट्टी पलटने वाले हल से करें।
- खेत की जुताई के बाद समतल करके 250 से 300 क्टिंल प्रति हेक्टेयर की दर से सड़ी गोबर की खाद को समान रूप से खेत में बिखेरकर फिर से अच्छी से जुताई कर लें और खरपतवार को पूरी तरह से हटा दें।
- इसके बाद टमाटर की पौध को 60 45 सेंटीमीटर की दूरी लेते हुए रोपाई करें।
Tomato Farming बता दें कि खेत में रोपने से पूर्व टमाटर के पौधे नर्सरी में तैयार किये जाते हैं। इसके लिए नर्सरी को 90 से 100 सेंटीमीटर चौड़ी और 10 से 15 सेंटीमीटर उठी हुई बनाना चाहिए। इसके चलते नर्सरी में पानी नहीं रुकता है। वहीं टमाटर की पौध की गुड़ाई भी अच्छी तरह हो जाती है। टमाटर की बीजों की बुआई करने के बाद हल्की सिंचाई ज़रूर करें।
टमाटर की उन्नत किस्में
Tomato Farmingटमाटर (tomato) की देसी किस्मों में पूसा शीतल, पूसा-120, पूसा रूबी, पूसा गौरव, अर्का विकास, अर्का सौरभ और सोनाली प्रमुख मानी जाती हैं। वहीं टमाटर की हाइब्रिड किस्मों में पूसा हाइब्रिड-1, पूसा हाइब्रिड-2, पूसा हाइब्रिड-4, रश्मि और अविनाश-2 प्रमुख माने जाते हैं। हालांकि आपको बता दें कि भारत में टमाटर की खेती करने वाले किसान अधिकांश टमाटर की अर्का रक्षक किस्म की काफी खेती करते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि इस किस्म से बंपर पैदावार मिलती है। इसके अलावा इसमें टमाटर में लगने वाले प्रमुख रोगों से लड़ने की क्षमता अन्य टमाटर की किस्मों की तुलना में अधिक होती है।
टमाटर की फसल में सिंचाई और उर्वरक प्रबंधन
- टमाटर की खेत में पर्याप्त मात्रा में नमी होनी चाहिए।
- इसके लिए आप टपक सिंचाई का उपयोग करें।
- टमाटर की बीज लगने से पहले बीजों को उपचारित जरूर कर लें।
- टमाटर की अच्छी पैदावार के लिए समय-समय पर उसकी गुड़ाई करते रहें।
- वहीं उर्वरकों के इस्तेमाल से पहले मिट्टी का परीक्षण कर लें।
- अगर किसी वजह से मिट्टी की जांच ना हो पाए तो प्रति 100 किलोग्राम हेक्टेयर यूरिया, 80 किलोग्राम फॉस्फोरस और 60 किलोग्राम पोटाश का इस्तेमाल करें।
- एक तिहाई यूरिया, फॉस्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा का मिश्रण बनाकर प्रतिरोपण से पहले मिट्टी में बिखेर कर अच्छी तरह से मिला लें।
- बाकी बचे यूरिया को दो बराबर भागों में बांटकर, रोपाई के 25 से 30 और 45 से 50 दिन बाद उपरिवेशन (टॉपड्रेसिंग) के रूप में डालकर मिट्टी में मिला लें।
- जब फूल और फल आने शुरू हो जाए, उस स्थिति में 0.4-0.5 प्रतिशत यूरिया के घोल का छिडक़ाव कर सकते हैं।
- पौधों की रोपाई के समय 20-25 किलोग्राम बोरेक्स प्रति हेक्टेयर, की दर से डालकर, मिट्टी में मिला देना चाहिए।
- फलों की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए 0.3 प्रतिशत बोरेक्स का घोल फल आने पर 3-4 छिड़काव करें।
टमाटर की खेती की लागत और कमाई
Tomato Farmingटमाटर (tomato) की उत्पादन की बात करें तो अच्छी तरह से तैयार खेत मे टमाटर की औसत उपज 350 से 480 क्विंटल/हेक्टेयर तथा टमाटर की हाइब्रिड किस्में की उपज 700-800 क्विंटल/हेक्टेयर तक हो जाती है। प्रति एकड़ 20000 रुपये की लागत आ सकती है और बाजार में जाने पर उपज की कुल कीमत करीब 60 हजार रुपये के कीमत मिल सकती है।
Tomato Farmingटमाटर एक ऐसा फल है जिसका कई प्रकार की चटनी, कैचअप, खटाई और फ्लेवर डालने में किया जाता है। जिससे इसकी मांग खाद्य प्रोसेसिंग करने वाली कंपनियों में डिमांड होती है। इन कंपनियों आप अपने फसल को डायरेक्ट सेल कर सकते हैं।
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